मान साहिब इधर भी दे ध्यान !
Government policies also Need Attention
Government policies also Need Attention: -पंजाब में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए धरपकड़ के साथ-साथ सरकारी नीतियों व लोगों के काम की तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है, ताकि सरकार जो आम लोगों तक जो चीज उपलब्ध करवाना चाहती है, वह उन तक पहुंचे। पंजाब रंगला प्रदेश है, इसकी सोच और इसका स्वरूप अनोखा है। दिलदार शब्द के मायने यहीं साबित होते हैं। इस वर्ष फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता की अकुलाहट सामने आने लगी थी। तब आम आदमी पार्टी जोकि पहले भी राज्य में जनता का विश्वास हासिल कर चुकी थी, पूरे दमखम के साथ जनता के समक्ष इस वादे के साथ सामने आई कि वह विकास की नई इबारत लिखने के अलावा भ्रष्टाचार पर भी पूरी तरह अंकुश लगाएगी जिस कारण जनता ने उसके कहे पर भरोसा किया। उसी भरोसे का प्रतिफल यह रहा कि आम आदमी पार्टी को 92 सीटों का प्रचंड बहुमत हासिल हुआ। यह पंजाब की जनता का आम आदमी पार्टी, इसके संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान के प्रति अटूट भरोसा था कि अब राज्य में हालात बदल जाएंगे। और यह खूब है कि मान सरकार ने इस भरोसे को कायम रखते हुए अनेक ऐसे दूरगामी फैसले लिए हैं और योजनाओं को आगे बढ़ाया है, जिनसे पंजाब आज पूरे देश में अलग छवि का राज्य बन गया है।
जाहिर है, इसी को मद्देनजर रखते हुए मान सरकार ने एक मिशाल कायम करने की कोशिश की व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शपथ लेते ही एक मोबाइल नंबर जारी किया था, जिस पर सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों, अधिकारियों, पुलिस कर्मियों और दूसरे लोगों के संबंध में शिकायत दी जा सकती है। इस नंबर पर अब तक सैकड़ों शिकायतें हासिल हुई हैं और उन पर कार्रवाई भी की जा रही है। राज्य का विजिलेंस ब्यूरो अब तक भ्रष्टाचार के मामलों में पूर्व सरकार के तीन पूर्व मंत्रियों को गिरफ्तार कर चुका है। इसके बाद अब पूर्व कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा पर आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई चल रही है। यह भी खूब रहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं अपने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को न केवल पुलिस के हवाले कराया, अपितु उन्हें पद से भी हटाया। हालांकि राजनीति में ऐसा कम ही होता है, सत्ता में अपनी पार्टी के दागी नेताओं को बचाने की कोशिश होती है, लेकिन मुख्यमंत्री मान ने भ्रष्टाचार के मामले में खुद कड़ी कार्रवाई कर इसका साफ संदेश दिया कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखती है।
Read Also: पंजाब में सरकारी कर्मचारियों को तोहफा
पूडा विभाग एक ऐसा विभाग है, जहां प्रदेश को लोगों को समय-समय पर सैकड़ों दिक्कतों से गुजरना पड़ता था, तथा कई-कई महीने काम करवाने में लग जाते थे, अब उसी विभाग में कार्य तत्परता से हो रहे हैं, और विभाग का मंत्री खुद हर फाइल पर नजर रखता है कि कौन सी फाइल किस अधिकारी के पास कितने दिनों से पैंडिंग है, इस तरह की सोच दर्शाती है कि मान सरकार व उसके मंत्री प्रदेश को एक नई ऊंचाईयों तक ले जाने का प्रयास कर रहें हैं।
मान सरकार का सबसे बड़ा फैसला राज्य में 600 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करना है। पंजाब में बिजली पर सब्सिडी पहले से दी जा रही थी, लेकिन इसकी जरूरत समाज के उस तबके को भी थी, जोकि आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। वहीं उन लोगों जोकि किफायत से बिजली का इस्तेमाल करते हैं, को प्रोत्साहित करने के लिए भी यह जरूरी था। सरकार ने लंबे समय से रिक्त पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में रिक्तियों को भरने की कवायद शुरू की। एक सरकार के लिए रोजगार उपलब्ध कराना सबसे बड़ी जिम्मेदारी और कार्य होता है। पंजाब में बीते कई वर्षों से सरकारी नौकरियों पर जैसे ग्रहण लग गया था और युवाओं की उम्र बीती जा रही थी। मान सरकार ने सरकारी नौकरियों के दरवाजे खोल कर उल्लेखनीय और बेहद प्रशंसनीय कार्य किया। सरकार ने 9 हजार शिक्षकों को नियमित किया है। यह शिक्षा के संदर्भ में अत्यंत आवश्यक कार्य था। मान सरकार ने राज्य में 100 आम आदमी क्लीनिक शुरू करके यह साबित कर दिखाया कि वह वास्तव में ही आम आदमी की सरकार है, क्योंकि अस्पतालों की हालत तो सुधारे जाने की आवश्यकता है ही, अगर आपके शहर, कस्बे में आसपास ऐसा क्लीनिक है, जहां आप आसानी से पहुंच कर अपना इलाज करवा सको तो इससे ज्यादा सुविधाजनक और क्या हो सकता है। सरकार ने पंजाब से दिल्ली के लिए रोड कनेक्टिविटी भी बेहतर की है और अब दिल्ली एयरपोर्ट तक वोल्वो बस चलाई जा रही है। इसके अलावा राज्य सरकार ने दीपावली से पहले सरकारी कर्मचारियों के डीए में 6 फीसदी की बढ़ोतरी की है। वहीं पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का फैसला भी लिया है। सरकार ने यह भी उल्लेखनीय कार्य किया है कि अब धार्मिक ग्रंथ ले जाने वाले वाहनों को टैक्स फ्री कर दिया है।
Read Also: कांग्रेस अध्यक्ष की चुनौतियां
वास्तव में इन सभी फैसलों, कार्रवाईयों के बावजूद राज्य को और बहुत कुछ चाहिए है। पंजाब को इस समय शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की सर्वाधिक आवश्यकता है। राज्य में स्वास्थ्य के हालात बेहद नाजुक हैं, अनेक क्षेत्रों में कैंसर जैसी व्याधियां पैदा हो रही हैं, वहीं नशे का कुचक्र तो पूरे राज्य को अपनी चपेट में लिए हुए है। मोहल्ला क्लीनिक खोलना सही है, लेकिन राज्य में सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों के हालात भी सुधारने आवश्यक हैं। राज्य में पर्याप्त डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की आवश्यकता है। सरकार का संकल्प अगले पांच वर्षों में 16 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का है, जोकि स्वागत योग्य है, लेकिन यह जरूरी है कि इस संकल्प को इसके अंजाम तक पहुंचाया जाए। इसके अलावा सरकार ने 100 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करके स्कूल ऑफ एमिनेंस बनाने का भी वादा किया है, जोकि बुनियादी शिक्षा की दिशा में बेहद जरूरी कदम होगा। यहां यह कहना गलत न होगा कि यह विकास यात्रा तो अभी शुरू ही हुई है, अभी इसके कई पड़ाव बाकी हैं, हर वर्ष राज्य सरकार के प्रयास और प्रयत्नों का आकलन होगा।
अंत में यह कहना उचित होगा कि यह समय पंजाब के विकास का फिर से नया खाका खींचने का है और भ्रष्टाचारियों की धरपकड के साथ-साथ लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर ध्यान देने की अधिक जरूरत है, ताकि पंजाब का पुनर्जन्म पूरे देश के लिए सौभाग्यशाली साबित हो।